बाई जी की भी छुट्टी है पर बर्तन से कहाँ कट्टी है बाई जी की भी छुट्टी है पर बर्तन से कहाँ कट्टी है
खतरे में है, बालक तेरे, दानव हमारे है सिर पे खड़ा है ईश्वर! मेरे सखा, एक तु ही है आसरा। खतरे में है, बालक तेरे, दानव हमारे है सिर पे खड़ा है ईश्वर! मेरे सखा, एक तु ही...
क्यूंकि अब दोबारा बेपनाह होने की हिम्मत नहीं मुझ में। क्यूंकि अब दोबारा बेपनाह होने की हिम्मत नहीं मुझ में।
आंखों की पट्टी खुली होती पहले, तो आज इतना नीचे गिरता नहीं। आंखों की पट्टी खुली होती पहले, तो आज इतना नीचे गिरता नहीं।
पर हकीकत देखना अपना लिया। क्यूंकि अब दोबारा बेपनाह होने की हिम्मत नहीं होती। पर हकीकत देखना अपना लिया। क्यूंकि अब दोबारा बेपनाह होने की हिम्मत नहीं होती।
मेरे मन ने आज एक ख्वाहिश की है. मेरे मन ने आज एक ख्वाहिश की है.